रविवार, 26 अप्रैल 2009

आदमखोर

आदमखोर.... कंक्रीट के घने जंगलों में
वह आता है शिकार के लिए
उसके हाथों में होती है
वायदों की बंदूक, आश्वासनों के कारतूस।
वह हाँका लगवाता है
अनगिनत नारों से
या तो घायल हो जाती है
या मारी जाती है
जनता...जनता।
शौकिया शिकार के लिए
वह आता था पहले पाँच साल में
आदम खोर हो गया है
अब आने लगा है अक्सर।
-विजय रंजन

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