रविवार, 26 अप्रैल 2009

चौराहा

‘‘ए हरिशंकर बाबू कहाँ धड़फड़ाएल जा रहे हैं। आप तो अइसन मुँह घुमा के जा रहे हैं, लग रहा है कि हमलोग आपको टिकट नहीं दिये हैं.’’ ठाकुर जी हरिशंकर बाबू को पुकारते हुए बोले. ‘‘नहीं ठाकुर जी, अइसा नहीं है. इलेक्शन में ड्यूटी लगा है न. दिन भर में सौ गो वायरलेस, सौ गो चिट्ठी और सब का जवाब तुरत नहीं तो नप जाइयेगा.’’ हरिशंकर बाबू ब्रेक लगाते हुए बोले. ‘‘का कीजिएगा. इलेक्शन में भी गुंडई चलता है. कहेगा कि उल्टी लटक जाओ, तो कर्मचारी उल्टा लटक जायेगा. खाली ड्रामा चलता है. और का’’ ठाकुर जी समर्थन करते हुए बोले. ‘‘इ देखिए तिवारी जी भी दौड़ल चले जा रहे हैं. अरे तिवारी जी, अरे जरा रूकिए भाई... कहाँ दौड़ल चले जा रहे है? एक मिनट रूकिए इस फैक्स भेज कर के आ रहे हैं. इतने में मिसिर बाबा आ गये. आइए मिसिर बाबा. कुछ फ्रलैश न्यूज सुनाइए’’ ठाकुर जी बोले. फ्रलैश न्यूज तो यही है कि गुरुजी नोमिनेशन कर दिए हैं. दूनों नाव पर पैर रखे हैं. केन्द्र में मंत्री या राज्य में मुख्यमंत्री अस्पताल से टंगा-टंगा के आ-जा रहे हैं और चुनाव लड़ रहे हैं. ओने देख नहीं रहे हैं. बिहार में जार्ज अंकल का हाथ नहीं हिल रहा है. पैर नहीं चल रहा है, मुँह से बोली नहीं निकल रहा है. तबो चिल्ला रहे हैं...‘‘अभी तो मंै जवान हँू. अभी तो मैं जवान हूँ’’ मिसिर बाबा खबर सुनाते हुए बोले. ‘‘का कीजिएगा.... गुरुजी के हाल ‘जल बिन मछली’ वाला हो गया है. आज कुर्सी पर बैठा दीजिए न तबीयत ठीक हो जायेगा.’’ उधर से बोले, ‘‘का कीजिएगा गुरुजी के किस्मतवे खराब है, जवानी में लड़ते रहे. बुढ़ापा में सब दुर्गति हो गया. अब तो चाहिए था कि रिटायर होके घरे बैठल-बैठल नेतवन के ट्यूशन पढ़ाते. पर नहीं किए तो का किया जा सकता है.’’ तिवारी जी लौट आये थे बीच में छलांग लगाते हुए बोले, ‘‘ आज कहाँ से तो पलटनवा भी दिखाई दे गया. चकाचक खादी झाड़े हुए गाड़ी पर चलल आ रहा है.’’ इस पर तिवारी जी बोले, ‘‘का रे पलटन कुछ कमाई हो रहा है कि नहीं. एही घड़ी तो नेतबन गाँठ खोलता है. देख नहीं रहे हो. सौ करोड़ वाले कोड़ा जी कैसे गंगा बहा रहे हैं. तू तो घर घुसना है. सब पार्ठी में घुसल चलता है. बताओ तो कोन जितेगा?’’ इस पर पलटनवा बोला, ‘‘ये लीजिए तिवारी जी हमको का टीवी चैनल समझ लिए हैं. रोज-रोज राजनीति का भूत-भविष्य-वर्तमान बताते रहता है. देखते नहीं चैनल वाले रामायण, महाभारत खोज निकालते हैं. पुलिस खोज करे न करे इ लोग खबर में जुट जाते हैं, तो रिजल्ट खोजना कोन मुस्किल काम है. केकरा केतना सीट मिलेगा, कोन सरकार बनाएगा, कोन प्रधनमंत्री बनेगा, कोन-कोन मंत्री होंगे सब टीवी खोलिए और मिल जायेगा’’ इस पर मिसिर बाबा बोले, ‘‘इ सब बात तो पलटनवा ठीके बोलता है. राहुल गांधी को शाम को भाषण देता है, तो सुबहे-सुबह राहुल के घर पहुँच जाएगा और कमेंट्री शुरू करेगा. अभी-अभी राहुल सो कर उठे हैं. कुर्ता-कमीज पहने हुए हैं. चेहरे पर चमक है. अभी मुँह धोने जा रहे हैं. तब तक आपको बात करवाते हैं हमारे संवाददाता से, जो राहुल पर पल-पल की नजर रखे हुए हैं. आईए उनसे पूछते हैं कि राहुल गांधी क्या-क्या बोलने वाले हैं’’ हरिशंकर बाबू हँसते हुए बोले, ‘‘अब बताइए इनके संवाददाता को पता होता है कि का-का राहुल बोलेंगे और इस पर आध घंटा बोल जाएगा. अब बताइए हमें राहुल जी अभी बोले पर इनका संवाददाता भविष्यवाणी कर देगा’’ हँसते हुए हरिशंकर बाबू बोले, ‘‘का आपलोग पोलटिक्स लेके बैठ गये. का होने जाने का है. देखिएगा जइसा झारखंड को निर्दलीय लोग डूबा दिया वैसेही इ बार छोटकन पार्टी वाला केन्द्र को डूबाएगा. 10 गो-5 गो जीत के आवेगा. सरकार बनावे खातिर बड़कन पार्टी को दुल्लती सहना पड़ेगा. हर बात पर बैठाइएगा, उठाइएगा. एगो कोन फिलम में नहीं देखे हैं. अपना लड़का की बोलते रहता है. समधी जी इतना चाहिए, तो हमारा लड़का आपके मंडप से उठ जायेगा. और समधी जी गिड़गिड़ाते हुए उनकर हर बात मानते हैं. वइसेही इ बार दिल्ली के होगा. देख लीजिएगा’’. बतवा तो ठीके बोल रहे हैं. इ तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का कि गुंडवन को रोक दिया नहीं तो जेल से जब निकल के संसद पहुँच जाता. अब पार्टी-सार्टी का कोई बात मानता है. न ही गठबंधन.बतवा तो ठीके बोल रहे हैं. इ तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का कि गुंडवन को रोक दिया नहीं तो जेल से जब निकल के संसद पहुँच जाता. अब पार्टी-सार्टी का कोई बात मानता है. न ही गठबंधन चलता है. देख नहीं रहे हैं सोनिया गांधी ओने कोना में बैठ के रो रही है, ‘‘ पत्थर के सनम...तूझे हमने खुदा माना... बड़ी भूल हुई ये क्या समझा क्या जाना.... पत्थर के...., तो ओने लालू यादव तबला बजा रहे हैं, जा॥, जा.., जारे तूझे हम पहचान गये. कितने पानी हो जान गये.’’ ओने नवीन पटनायक भाजपा के दुकान के छप्परे नोच लिए. ओने राम बिलास पासवान लालू के दरबाजे पे खड़ा हो के गा रहे हैं, ‘‘मदद करो हे.... संतोषी माता.’’ एक बात और जानते हैं कि नहीं तीसरा मोर्चा और चैथा मोर्चा अलगे राग अलाप रहा है कि तेरे घर के सामने एक घर बनाऊँगा....’’ ‘‘अब देखिए न केकर घर बनता है केकर घर उजड़ता है.’’ ठाकुर जी बात को जोड़ते हुए बोले तिवारी जी दार्शनिक अंदाज में बोले. अपना घरवा के तो वही हाल रहेगा, ‘‘जाने दीजिए केकरो घर बने, केकरो घर उजड़े कोई केकरो पार्टी में रहे सब नेतवन करोड़पति हो गया. इ केकरो मालुम है कि इ नेतवन आखिर करोड़पति कइसे हो गया. आखिर कौन अइसा काम किया कि करोड़पति बन गया? इस पर हरिशंकर बाबू भी दार्शनिक हो गये, बोले, ‘‘कौनो का पत्थर तोड़के, मेहनत करके पैसा बनाया है. अरे हमीलोग के लूट के पैसा जमा किया है. अइसही स्वीस बैंक भर गया है. गणित में जेतना सोन्ना है, सब खत्म हो गया है. नेतवन के पइसवा से’’. तिवारीजी बातों में लौट आये और बोले, ‘‘अगर करोड़ों के कमाई नहीं होता तो काहे ला चुनाव जीते खातिर जान सब देते’’. अचानक मिसिर बाबा को याद आया और बोले, ‘‘अरे अपने वरुण बउआ को काहे भुला जा रहे हैं. देख नहीं रहे हैं कि जेल में भीतरा दिये गये. का जनी का अइसा बोल दिय कि जेल में चले गये’’. इस पर हरिशंकर बाबू बोले, ‘‘एक चीज देखे कि नहीं. चट मंगनी और पट विआह वाला बात सच हो गया. हप्ता भर मंे सुनवाई और सजा सब हो गया’’. फिर मिमिसर बाबा इस बार थोड़ा तेज आवाज मंे बोले, ‘‘अरे पुलिस का करेगा. ऊपर से मइयाजी का आदेश होगा कि देखो इ हमर बेटा के विरोध में खड़ा हो गया है. हमरी कुरसिया को तबाह कर के छोड़ेगा. इसको बंद कर दो. ऊपर से माया वाली मायावती को भी थोड़ा सा कान में कुछ कह दी. बस हो गये वरुण जेल के अन्दर. अब गांधी परिवार के प्रधनमंत्री तो एके गो न होगा’’. ‘‘बात तो ठीके कह रहे हैं. अब देखिए न इ चुनाव में का होता है’’, तिवारी जी एक प्रश्न चिन्ह छोड़ दिये. इसी प्रश्न चिन्ह को लेकर सब घर की ओर चल दिये. तो चलिए चलते हें...पिफर मिलते हैं अगली
- रंजन श्रीवास्तव

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