बुधवार, 29 दिसंबर 2010

प्याज के छिलके

विजय रंजन
मिसेज शर्मा उखड़ी-उखड़ी लग रही थीं। आकर सीध्े सोफे में धंस गयीं। चेहरे से ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने उनके चेहरे का सारा मेकप बिगाड़ दिया हो। मिजा३ तौलने के ख्याल से मैं पूछ बैठी, ‘क्या हुआ मिसेज शर्मा, सब ठीक तो है न?’
मिसेज शर्मा भड़क उठीं। वे बोलीं, ‘क्या बाताऊँ मिसेज सिन्हा कई दिनों से मैं अपनी कुछ पड़ोसिनों से परेशान हूँ। वे मेरे यहाँ आयेंगी, बैठेंगी, चाय पियेंगी और जाते-जाते बोलेंगी मिसेज शर्मा कल मेरे मिस्टर बाजार से लाना भूल गये, एक प्याज देंगी क्या आप? अब बताइये आप ही कि चाय, चीनी, नमक, तेल मांगे तो ठीक, अब कहीं प्याज, लहसुन मांगने की चीजें रह गयी हैं?’
मिसेज शर्मा अपने मन का भड़ास निकाल ही रही थीं कि मिसेज रस्तोगी आ ध्मकीं। आते ही चार्ज हो गयीं, ‘अरे! मिसेज शर्मा आप यहाँ बैठी हैं मैं आपको कब से ढ़ूंढ़ रही हूँ।’
मिसेज शर्मा अपना भाव बढ़ते देख  कर बोली, ‘क्या बात है मिसेज रस्तोगी, आप क्यों ढूंढ़ रहीं हैं मुझको’
मिसेज रस्तोगी मिसेज शर्मा को मक्खन लगाते हुए बोलीं, ‘क्या बताऊँ मिसेज शर्मा मेरा काम है वो आप ही कर सकती हैं। दूसरे किसी के वश का नहीं।’
मिसेज शर्मा का सीना गर्व से फूल गया। भाव मारते हुए बोली, ‘आखिर ऐसी भी क्या बात है मिसेज रस्तोगी, जो मेरे सिवा और कोई नहीं कर सकता?’
मिसेज शर्मा का मूड भाँप कर मिसेज रस्तोगी ने अपनी बात कह डाली, ‘क्या बताऊँ मिसेज शर्मा बढ़ती कीमतों ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। आप तो जानती ही हैं हमलोगों की कमाई उतनी नहीं है कि महँगाई को बैलेंस किया जा सके। काफी सोच-विचार कर लोन लेने के लिए बैंक गयी थी। मैं सोच रही हूँ कि बैंक से लोन लेकर साल-छः महीने का घरलू सामान लाकर घर में रख दूँ। पता नहीं दाम कब और कितना बढ़ जाये! बैंक मैनेजर ने लोन देने के लिए हामी तो भर दिया है, पर एक शर्त लगा दी है कि एक ऐसा गारंटर लाना होगा, जिसके पास कम-से-कम 5 किलो   प्याज और 5 किलो लहसुन हो। आप ही बताइए, मिसेज शर्मा आपके सिवा और कौन गारंटर बन सकता है भला! प्लीज इन्कार मत कीजिएगा। इसीलिए मैं आपको ढूंढ़ रही थी।’
मिसेज शर्मा हवा मिठाई की तरह फूल कर कुप्पा हो गयीं। गर्व से सिर ऊँचा करते हुए बोलीं, ‘हाँ, हाँ क्यों नहीं मिसेज रस्तोगी? पड़ोसी पड़ोसी का काम न आए, तो पड़ोसी ही क्या? मैं आपके लोन का गारंटर जरूर बनूँगी।’
 मिसेज सिन्हा इन दोनों की बाते सुन रही थीं। मजाक करते हुए बोलीं, ‘मिसेज शर्मा धीरे से बोलिए! लहसुन-प्याज की बात पुलिस तक चली गयी, तो छापे पड़ जायेंगे। या फिर चोर-उचक्के पीछे पड़ जायेंगे।’
‘आप भी हैं न मिसेज सिन्हा! ऐसा मजाक करती हैं कि दिल बैठ जाता है।’
 मिसेज रस्तोगी बात को बदलते हुए बोलीं, ‘छोड़िए मिसेज शर्मा! आप भी मजाक को सिरियस बना बैठीं... चलिए चलते हैं और भी काम है हमको।’
हाँ, हाँ.... चलिए, मैं भी चलती हूँ। फिर दोनों चल देती हैं।
मेन मार्केट के चौराहे से दायें घुमते ही मिसेज शर्मा की नज़र सामने लगे होर्डिंग पर पड़ती है। वो बोलीं, ‘वो, वो सामने देखिए मिसेज रस्तोगी। देख रही हैं न...’
इस पर मिसेज रस्तोगी बोलीं, ‘हाँ, देख तो रही हूँ। चलिए थोड़ा नजदिक चलते हैं, देखते हैं क्या ‘एड’ आया है।’
हाँ, हाँ...चलिए न... आखिर इतने लोग देख क्या रहे हैं, हम भी तो देखे मिसेज शर्मा की उत्सुकता बढ़ गयी थी।
‘एड’ पढ़ कर मिसेज शर्मा बोली, ‘देख रही हैं न मिसेज रस्तोगी।’ ‘फ्युचर ब्राइट मॉल’ का ‘एड’ आया है।
1999/रुपये की खरीदारी पर 1 किलो प्याज मुफ़्त 2999/रुपये की खरीदारी पर  1 किलो प्याज और 1 किलो लहसुन मुफ़्त...मेरा तो मानना है कि 5-10 हजार की खरीदारी करने में ही समझदारी है।
इतने में मिसेज रस्तोगी इशारे से चुप रहने के लिए बोलीं और इशारे में ही पिछे वाले सज्जन की बात सुनने के लिए बोली। मिसेज शर्मा इशरा समझ गयीं। पीछे खड़े सज्जन अपने मित्रा को समझा रहे थे, ‘मेरी मानो यार! तुम्हारी बहू की मायके काफी सम्पन्न है। ऐसा करो कि बहू को मायके भेज दो और बोलो कि आना तो अपने साथ लहसुन-प्याज लेती आना नहीं तो अपनी मायके में ही रहो।’
इस पर दूसरे मित्रा तुनक गये। वो बोले, ‘देखिए, हमको आप क्या समझ लिए हैं? हम ऐसे-वैसे नहीं। प्याज-लहसुन के बगैर हम शाकाहारी बनकर जी लेंगे, पर ऐसा कभी नहीं करेंगे।’
बात को संभालते हुए पहले वाले मित्रा बोले, ‘आप तो बुरा मान गये। मैं तो यूँ ही मजाक कर रहा था।’
सुन रही है न मिसेज रस्तोगी, प्याज ने रूला कर रख दिया है। अभी देखते जाइए। आगे-आगे होता है क्या! अभी मिसेज शर्मा अपनी बात पूरी कर भी न पायी थी कि सामने से मिसेज मंडल आती दीख गयीं।
अभी वो मिसेज मंडल को पुकारती तब तक मिसेज मंडल देख चुकी थीं। न३दीक आते ही चहकते हुए मिसेज मंडल से बोलीं, ‘क्या बात है! आजकल आपलोग दिखाई भी नहीं देतीं, प्याज हो गयी क्या?’ इस पर सभी ने  खिलखिला कर हँस दिया।
विजय रंजन
सिन्धु  विला’ रोड नं0- 2, विकास नगर
 सिंह मोड़, हटिया, राँची
मो0 9835303133

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