लड़कियों का रसिया डा0 प्रदीप कुमार के घर छापा,कई लडकियों की थोक में चिटिठयां मिलीं,यह गौर करने वालई बात है कि जिस आईएएस पर देश और प्रदेश की जनता आस लगाये रहती है, जिनका भविष्य इनके विवेक और जनकल्याणकारी कार्यशैली पर टिका हुआ होता है, ऐसे आईएएस निकम्मा, दोगला, लूटेरा, और ऐयास निकल जाये, तो ऐसे में गरीब जनता किस पर विश्वास करे?
31 अगस्त को सीबीआई ने झारखंड के दूसरे आईएस, लड़कियों का रसिया और झारखंड प्रदेश का पूर्व स्वास्थ्य सचिव सह राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक डाॅ0 प्रदीप कुमार और उनके धूर्त मंडलियों के यहाँ 16 जगहों पर छापामारी कर भारी मात्रा में नगद एवं चल-अचल संपत्ति के कागजात बरामद किये.आपको बता दें कि यह वही प्रदीप कुमार है, जो बाबा रामदेव के बहाने झारखंड की जनता को लूटने का काम किया है.यह वही प्रदीप कुमार हैं, जिनसे कहा जाता है कि प्रदेश के दिग्गज राजनेता इन्दर सिंह नामधारी भी हार गये. वहीं यह भी चर्चाहैं कि डा0 प्रदीप को पूर्व मुख्यमंञी अर्जुन मुण्डा का संरक्षण् प्राप्त था यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो झारखंड के कृष्ण कहे जाते हैं. यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो अपने आस-पास सभी प्रकार की महिलाओं और लड़कियो की सेवा इन्हंे प्राप्त होती रहती है. यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो महिला इनकी बड़ी कमजोरी मानी जाती है और इसके बल पर कई लोग इनके विभाग को चूना लगाते रहे. इन्हें भी उपकृत करते रहे. और श्यामल चक्रवर्ती जैसे मगरमच्छ ने इनसे करोडों का ठेका प्राप्त कर लेता है और रातो-रात करोड़पति बन जाता है. धूर्तराज श्यामल चक्रवर्ती अपनी बीबी, भावज, एवं बाहर की कई अन्य लड़कियो की सेवा डाॅ0 प्रदीप कुमार को उपलब्ध कराते रहे हैं, और उसके बदले में अपनी बेटी रिया इंटरप्राईजेज का एक पार्टनर डाॅ0 प्रदीप कुमार के भाई को बनाकर विभाग को लूटने का काम बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से करता है.इस बाबत पिछले साल से ही कई अंकों में इनके कारनामों को उजागर करने वाला प्रदेश का एक मात्र पाक्षिक अखबार सर्चटाइम्स है, जिससे तिलमिला कर प्रदीक कुमार ने श्यामल चक्रवर्ती को सर्चटाइम्स के संपादक राम प्रकाश तिवारी को धमकी दिलवाता है, और राम प्रकाश तिवारी पर समाचार नहीं छापने का दबाव बनाता है, इस बावके राम प्रकाश तिवारी की लिखित सूचना पर भी राँची के कोतवाली थाना कोई कार्रवाई नहीं करता है, इसी से अंदाजा लगता है कि डाॅ0 प्रदीप कुमार झारखंड राज्य के कितने पावरफूल आईएस हैं, जिनकी स्थिति आज सीबीआई के सामने बकरी सी हो गयी है. सीबीआई के छापे में डाॅ0 प्रदीप कुमार के भ्रष्ट मंडलियों में पूर्व आरसीएच पदाधिकारी डाॅ0 विजय शंकर नारायण सिंह, बिल्डर धर्मेन्द्र, श्यामल चक्रवर्ती, अरूप चक्रवर्ती, नन्द किशोर फोगला आदि के राँची, हजारीबाग, पलामू, स्थित जगहों पर छापामारी से राँची के अलावा उदयपुर और दिल्ली में भी संपत्ति होने के कागजात प्राप्त हुए हैं, साथ ही सिंगापुर में निवेश के संकेत भी मिले हैं.डाॅ0 प्रदीप कुमार के धूर्त मंडलियों के अभी कई नाम उजागर नहीं हुए हैं, जिनमें राँची के एवं राँची के बाहर के बड़े अखबार के संवाददाता भी शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि एक तथाकथित पत्रकार की बेटी, बहन, भाई, भतीजी, बहनोई भी डाॅ0 प्रदीप कुमार के भ्रष्ट मंडली के हिस्सा बने हुए है, जिन्हें 25 लाख रुपये डाॅक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए दिये गये हैं. यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि डॉक्टर प्रदीप कुमार के अनुकंपा से अपनी देह की बदौलत एड्स नियंत्रण समिति एवं आरसीएच में कई महिलाएॅं नौकरी का सुख भोग रही हैं. एक महिला के तो के खानदान के अधिसंख्य सदस्य विभिन्न रूपों में इस विभाग के पैसे खा रहे हैंयह गौर करने वाली बात है कि जिस आईएएस पर देश और प्रदेश की जनता आस लगाये रहती है, जिनका भविष्य इनके विवेक कार्य जनकल्याणीकारी कार्यशैली पर टिका हुआ होता है, ऐसे आईएएस निकम्मा, दोगला, लूटेरा, और ऐयास निकल जाये, तो ऐसे में गरीब जनता किस पर विश्वास करे?
अरुण कुमार झा
31 अगस्त को सीबीआई ने झारखंड के दूसरे आईएस, लड़कियों का रसिया और झारखंड प्रदेश का पूर्व स्वास्थ्य सचिव सह राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक डाॅ0 प्रदीप कुमार और उनके धूर्त मंडलियों के यहाँ 16 जगहों पर छापामारी कर भारी मात्रा में नगद एवं चल-अचल संपत्ति के कागजात बरामद किये.आपको बता दें कि यह वही प्रदीप कुमार है, जो बाबा रामदेव के बहाने झारखंड की जनता को लूटने का काम किया है.यह वही प्रदीप कुमार हैं, जिनसे कहा जाता है कि प्रदेश के दिग्गज राजनेता इन्दर सिंह नामधारी भी हार गये. वहीं यह भी चर्चाहैं कि डा0 प्रदीप को पूर्व मुख्यमंञी अर्जुन मुण्डा का संरक्षण् प्राप्त था यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो झारखंड के कृष्ण कहे जाते हैं. यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो अपने आस-पास सभी प्रकार की महिलाओं और लड़कियो की सेवा इन्हंे प्राप्त होती रहती है. यह वही प्रदीप कुमार हैं, जो महिला इनकी बड़ी कमजोरी मानी जाती है और इसके बल पर कई लोग इनके विभाग को चूना लगाते रहे. इन्हें भी उपकृत करते रहे. और श्यामल चक्रवर्ती जैसे मगरमच्छ ने इनसे करोडों का ठेका प्राप्त कर लेता है और रातो-रात करोड़पति बन जाता है. धूर्तराज श्यामल चक्रवर्ती अपनी बीबी, भावज, एवं बाहर की कई अन्य लड़कियो की सेवा डाॅ0 प्रदीप कुमार को उपलब्ध कराते रहे हैं, और उसके बदले में अपनी बेटी रिया इंटरप्राईजेज का एक पार्टनर डाॅ0 प्रदीप कुमार के भाई को बनाकर विभाग को लूटने का काम बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से करता है.इस बाबत पिछले साल से ही कई अंकों में इनके कारनामों को उजागर करने वाला प्रदेश का एक मात्र पाक्षिक अखबार सर्चटाइम्स है, जिससे तिलमिला कर प्रदीक कुमार ने श्यामल चक्रवर्ती को सर्चटाइम्स के संपादक राम प्रकाश तिवारी को धमकी दिलवाता है, और राम प्रकाश तिवारी पर समाचार नहीं छापने का दबाव बनाता है, इस बावके राम प्रकाश तिवारी की लिखित सूचना पर भी राँची के कोतवाली थाना कोई कार्रवाई नहीं करता है, इसी से अंदाजा लगता है कि डाॅ0 प्रदीप कुमार झारखंड राज्य के कितने पावरफूल आईएस हैं, जिनकी स्थिति आज सीबीआई के सामने बकरी सी हो गयी है. सीबीआई के छापे में डाॅ0 प्रदीप कुमार के भ्रष्ट मंडलियों में पूर्व आरसीएच पदाधिकारी डाॅ0 विजय शंकर नारायण सिंह, बिल्डर धर्मेन्द्र, श्यामल चक्रवर्ती, अरूप चक्रवर्ती, नन्द किशोर फोगला आदि के राँची, हजारीबाग, पलामू, स्थित जगहों पर छापामारी से राँची के अलावा उदयपुर और दिल्ली में भी संपत्ति होने के कागजात प्राप्त हुए हैं, साथ ही सिंगापुर में निवेश के संकेत भी मिले हैं.डाॅ0 प्रदीप कुमार के धूर्त मंडलियों के अभी कई नाम उजागर नहीं हुए हैं, जिनमें राँची के एवं राँची के बाहर के बड़े अखबार के संवाददाता भी शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि एक तथाकथित पत्रकार की बेटी, बहन, भाई, भतीजी, बहनोई भी डाॅ0 प्रदीप कुमार के भ्रष्ट मंडली के हिस्सा बने हुए है, जिन्हें 25 लाख रुपये डाॅक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए दिये गये हैं. यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि डॉक्टर प्रदीप कुमार के अनुकंपा से अपनी देह की बदौलत एड्स नियंत्रण समिति एवं आरसीएच में कई महिलाएॅं नौकरी का सुख भोग रही हैं. एक महिला के तो के खानदान के अधिसंख्य सदस्य विभिन्न रूपों में इस विभाग के पैसे खा रहे हैंयह गौर करने वाली बात है कि जिस आईएएस पर देश और प्रदेश की जनता आस लगाये रहती है, जिनका भविष्य इनके विवेक कार्य जनकल्याणीकारी कार्यशैली पर टिका हुआ होता है, ऐसे आईएएस निकम्मा, दोगला, लूटेरा, और ऐयास निकल जाये, तो ऐसे में गरीब जनता किस पर विश्वास करे?
अरुण कुमार झा
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